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शेयर मार्केट में निवेश

भाइयों कोरोना संकट में कुछ नया काम "शेयर मार्केट में निवेश" के बारे में बात शुरू करते है, जो क्रमशः जारी रहेगा :-

--- सर्वप्रथम शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने का कोई निश्चित समय नहीं होता है।
--- मार्केट में निवेश की कुछ बातें अपने निवेश के दौरान मिले अनुभवो से मिले ज्ञान से प्राप्त होता है।
--- समय से बड़ा मार्केट गुरु कोई नहीं है।

कोरोना संकट

पंडित जी वापस आए है। प्रार्थना है क़ि आप सभी कुशलता से होंगे।

बेटी है दिल के करीब

मेरे घर मे एक नन्ही सी जान घूमती है, कभी इस कमरे मे कभी उस कमरे मे। इठलाती, इतराती,अपनी मासूम अदा से हम सबका मन मोहती। वशीकरण मंत्र उसका ऐसा चलता कि चाहे मन कितना भी तनाव मे क्यों न हो, समुद्र के गहरे जल जैसा शांत और गोमुख के जल जैसा स्वच्छ हो जाता है। उसके मासूम चेहरे और बोलने का हावभाव बरबस ही ध्यान खीचता है। भोली अदाओ से मन, मन ही मन मुस्कराता है।
एक बार सुबह ही सुबह चाकलेट के लिए जिद करने लगी, मैंने भी जान छुड़ाने के लिए शाम को लाने का वादा किया। शाम को जैसे ही घर पंहुचा, बेल बजायी, उसने ही गेट खोला। मेरे घर के अन्दर घुसने के लिए कदम उठाने से पहले ही उसने सवाल दागा- "पापा चाकलेट लाये हो"? मै सन्न रह गया, काम के धुन मे सुबह का किया वादा भूल गया था। सामने आखो मे प्रश्नवाचक भाव देख कर समर्पण किया, बोला-" अभी लाया"। फिर वादे को निभाना पड़ा।

गुस्ताखी माफ़

श्मशान घाट की ओर जा रही भीड़ मे आगे जाने वाले व्यक्ति से कल्लू ने कहा -" बड़े अफ़सोस की बात है कि आपकी पत्नी का देहांत हो गया! वैसे उनका देहांत कैसे हुआ ?"
उस व्यक्ति ने इशारा करते हुए कहा कि - "वो जो आगे मेरा कुत्ता जा रहा है,उसी ने काटा था ।"
कल्लू ने प्रार्थना करते हुए कहा कि -"भाई वो कुत्ता मुझे एक दिन के लिए दे दो। "
उस व्यक्ति ने घूरते हुए कहा -"चल लाईन मे लग जा ,ये मेरे पीछे जो भीड़ चली आ रही है वो उसी कुत्ते को लेने के लिए है। "

गुस्ताखी माफ़

नेता जी हिसाब

एक स्वर्गीय नेता नरक में गया ,

यमराज ने कहा कि चुपचाप बैठ जाइए

अपने मंत्री चित्रगुप्त को बुलाकर बोले ,

इनका हिसाब अतिशिघ्र बताइए

चित्रगुप्त ने कहा कि यमराज महाराज

इनके हिसाब में ना शीघ्रता दिखलाइये

पाँच साल में जो इन्होंने कारनामे किए

उन्हें बतलाने में ' पचास साल ' चाहिए |

आईपीएल - 3 का टिकट फ्री

आईपीएल - 3 का टिकट फ्री मे मिले और उस पर क्रिकेट का मजा , लगता है कि हमारे भाग्य खुल गए ,पूर्व जन्म का कोई सत्कर्म है जो अब फलीभूत हुआ है। गली -मोहल्ले मे गर्व से सिर ऊचा कर चलेंगे।

बस ऐसी ही हमारी मनोदशा को भुनाते है कुछ दिमागदार लोग , जो मनोरंजन को मिर्च-मसाला लगाकर चरम पर पहुचाने के बाद उसको कैश कराते है। उनके लिए यह खेल सिर्फ पैसा कमाने की मशीन भर है। देश मे इस खेल की भावनाओ का ऐसा बवंडर खड़ा कर देते है कि बस जहाँ भी सुनो बस इसकी ही चर्चा है। क्या अख़बार क्या टीवी चैनल , गली-मोहल्ले से लेकर शहर के हर चौराहों व सडको पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स पर बस इसी की ही चर्चा है।

मै पूछता हूँ कि क्या यह खेल जिससे कुछ लोग अरबो कमाते है, इस देश गरीब जनता को एक वक्त की रोटी दे सकता है,क्या इसके द्वारा देश के विकास मे अंश मात्र का योगदान है? मेरा मंतव्य यह कतई नही है कि मै कुछ लोगो के इस खेल को व्यवसाय के रूप मे अपनाने के उनके मौलिक अधिकार को चुनौती दे रहा हूँ। अफसोस तो यह है कि इस मामले मे हमारी सरकार क्या कर रही है? क्या यह कभी आकलन किया गया है कि इस देश कि कितनी ऊर्जा इन खेलो को देखने, सुनने मे जाया होती है? व्यवसाय के रूप मे इन खेलो से राष्ट्रीय आय व राष्ट्रीय विकास मे क्या योगदान होता है?

लगभग 4 अरब 13 करोड़ डालर की कमाई कर चुके इस खेल मे टीमो की कीमतों पर गौर करे :-

मुंबई इंडियंस ---------------- 11.19 करोड़ डालर

रायल्स चैलेंजर्स बंगलूर ------- 11.16 करोड़ डालर

डेक्कन चार्जर्स ---------------- 10.7 करोड़ डालर

चेंनेई सुपर किंग्स ------------- 9.1 करोड़ डालर
डेयर डेविल्स ------------------- 8.4 करोड़ डालर

किंग्स इलेवन पंजाब ------------ 7.6 करोड़ डालर

कोलकाता नाईट राईडर्स -------- 7.5 करोड़ डालर


राजस्थान रायल्स --------------- 6.7 करोड़ डालर


बिचौलिया कि जय हो !

महंगाई है कि परछाई की तरह जान ही नहीं छोडती , ऊपर से बिचौलियो की मार तो कमर ही तोड़ देती है। जब हर जगह से आस छूटती है तो हमेशा की तरह भगवान का ही आसरा है।जब से ये सुना कि आलू 2 रूपये किलो किसान बेच रहे है तो बड़े अरमान से सीना फुलाते हुए बाजार गया यह सोचते हुए कि आज तो हप्ते भर की सब्जी तो खरीद ही डालू ,ये रोज-रोज का झंझट बड़ा खराब है।
गरजते हुए ठेले वाले से पूछा - "आलू क्या भाव दे रहे हो!"
ठेले वाले ने घूरती निगाहों से प्रश्नवाचक चेहरा बनाते हुए पलट कर कहा -"बाबूजी बस 8 रूपये किलो है।"
मैंने बचाव मुद्रा मे आते हुए कहा -"अरे किसान तो 2 रूपये किलो बेच रहे है।"
ठेले वाले ने कहा - "तो बाबूजी यहाँ काहे आये हो? डाईरेक्ट किसान से ही ले लो न।"
"इतना प्राफिट लेते हो,जनता को लूट रहे हो!" - दार्शनिक भाव से मैंने कहा।
"बाबूजी हम कहाँ लूट रहे है , लूट तो रहे है ऊ बिचौलिया जो गरीब किसानन से सस्ता खरीद रहे है और हमका महंगा दे रहे है तो हम सस्ता कहाँ से बेचें "-ठेले वाले ने सफाई देते हुए कहा ।
पुनःठेले वाले ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा -"ई खेल मे तो मारे जा रहे या तो किसान या तो बेचें वाले और बिचौलियों की मौज ही मौज है।"
अब तक मेरा सस्ते का नशा काफूर हो चला था। बात को ख़त्म करने के उद्देश्य से मैंने कहा - "भैया एक पाव आलू दे दो। "
और घर उलटे पाँव लौटते हुए मन ही मन विचार करने लगा कि जो बात सरकार को नहीं समझ मे आई वो ठेले वाले भी जानते है।

अपील

दिनांक 21.3.2010 कों "विश्व वानिकी दिवस" वनों के महत्व के प्रति जनजागरूकता को बढ़ाने तथा पेड़ लगाने और पर्यावरण को और जहरीला न बनाने की अपील ।

दिनांक 22.3.2010 को "विश्व जल दिवस" ,जो 1993 से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया जा रहा है, पानी की गुणवत्ता व उसका बेहतर प्रयोग संकल्प के साथ मनाये जाने के प्रयास मे सभी की भागीदारी सुनिश्चित होने की अपील।

दिनांक 27.3.2010 को "अर्थ आवर "जो वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड फॉर नेचर द्वारा 2007 से सिडनी से शुरू किया गया अभियान है, के दिन जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता हेतु समय 20.30 से 21.30 बजे तक विद्युत के समस्त उपकरण को बंद रखे जाने की अपील।

विश्व गौरैया दिवस

२० मार्च को प्रथम विश्व गौरैया दिवस मनाये जाने पर मन प्रफुलित हो उठा ,चलो बिल्लियों और कौओ की इस भीड़ मे जनता जनार्दन मे अब भी इतनी चेतना है कि घर-आँगन मे रहने वाली गौरैया याद आ ही गयी ।
हवा मे घुलते लेड , मोबाइल टावरो और अपार्टमेन्ट की बढती भीड़ मे ये नन्ही सी जान कही खो गयी थी , कही हमेशा ना खो जाये इसके लिए सार्थक पहल होनी चाहिए और हमेशा की तरह जन मानस को ही इसमे आगे आना होगा।

भारत स्वाभिमान मंच का एजेण्डा

भारत स्वाभिमान मंच का एजेण्डा निम्नलिखित प्रकार से होना चाहिए :-

- इस मंच से जुड़े व्यक्तियों को कोई राजनितिक या सार्वजानिक पद नहीं लेना चाहिए , जिससे इनमे पद ,धन और प्रतिष्ठा का लोभ पाए

- उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं होना चाहिए

-न्यायालय द्वारा सजायाफ्ता नहीं होना चाहिए, यदि हो तो उसके द्वारा किये गए अपराधो के बारे मे भारत स्वाभिमान मंच के केन्द्रीय कार्यकारिणी मे अवश्य विचार करना चाहिए

- सार्वजानिक जीवन मे किसी भी प्रकार के चल-अचल सम्पति का स्वामी नहीं होना चाहिए यदि हो तो इमानदारी से उसका भारत स्वाभिमान मंच के द्वारा प्रति वर्ष जारी किये जाने वाले स्वेत-पत्र मे उसका उल्लेख हो

- जन सेवा का अच्छा कामकाज तथा रिकार्ड होना चाहिए

- जनता के बीच उसकी सामाजिक छवि अच्छी होनी चाहिए , जिसके बाबत समय-समय पर उसके इलाके मे सर्वे कराकर इस सम्बन्ध मे भारत स्वाभिमान मंच के केन्द्रीय कार्यकारिणी द्वारा जानकारी एकत्र की जा सकती है
- देश मे व्याप्त भ्रष्टाचार और कालाबाजारी कों ख़त्म करने का दृढ संकल्प लेना ही नहीं बल्कि वास्तविकता के धरातल पर अपने कार्यो द्वारा अपने संकल्प कों परिलाचछित करना भी है

- विदेशो मे जमा काला धन और देश मे एकत्रित काला धन दोनों कों जप्त करके समाजवाद और सर्वजन हिताय के उद्येश्यो के लिए उसका उपयोग देश मे व्याप्त गरीबी,अशिक्षा और बेरोजगारी कों मिटाने मे इमानदारी से प्रयास करना