- क्या संसार के अलग-अलग भागों मे लगी आग मात्र संयोग है ?
- क्या संसार के अलग-अलग भागों मे आई बाढ़ मात्र संयोग है?
- क्या संसार के अलग-अलग भागों मे उसर होती जमीन तथा उपज मे आई भारी कमी मात्र संयोग है?
- क्या संसार के अलग-अलग भागों मे अचानक हुए मौसम मे परिवर्तन मात्र संयोग है?
- क्या धरती का बढ़ता तापमान खतरे का संकेत नही है?
- क्या पिघलते ग्लेशियर धरती पर वर्तमान जीवन मे भारी परिवर्तन का संकेत नही दे रहे है?
- क्या समुद्र का जल-स्तर नही बढ़ रहा है? और निचले स्थलीय भागों के पानी मे डूब जाने तथा उनका अस्तित्व समाप्त हो जाने का खतरा नही बढ़ रहा है?
इस खूबसूरत धरती पर अपना पूर्ण अधिकार समझने वाला,धरती के सभी जीव-जन्तु मे अपने को श्रेष्ठ समझने वाला तथा उपभोग करने वाला आज का बुद्धिमान मनुष्य है। फिर वही मनुष्य इस धरती का विनाश क्यो कर रहा है? क्यो बढ़ते हुऐ खतरों से अंजान बना हुआ है? हम आने वाली अपनी पीढी को कैसी धरती और कैसा पर्यावरण देंगे? आज देर ही नही बहुत देर हो चुकी है। हम कभी भी पूरी नही हो सकने वाली छति की ओर बढ़ चुके है।
शायद कुछ लोग इन बातो को कोरी बकवास समझे। लेकिन यह सच है की कल इस लेख को लिखने के लिए न हम होंगे न आप और न ही इसे पढ़ने के लिए होगी हमारी मानव पीढी।
शायद, यही सच हो रहा हो..
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.
जय हिन्दी!
नास्त्रेदमस की बाते सच हो रही हैं, ये मात्र संयोग नहीं है...
जवाब देंहटाएंमेरा ब्लॉग भी देखें
भले को भला कहना भी पाप
ek hi samay mein big-bang se koi badi ghatna ho jane ka darr, har desh ki main-main se bad raha yudh ka khatra aur parmanu part-2 na jaye aisi atkalein, suraj se uthti sunami ke 2012 tak ho sakne wale nakaratmak prabhav jo vigyanikon dwara ghade gaye hain ye sab aur antriqsh se kabhi kuch aa dharti se takrane ka bhavishya ka intzar kya ye 2012 wali bhavishyavani par sochne ko mazboor nahi karte..... sab ye jante hain ki us din dunia khatam nahi hogi lekin ye sab aur bad rahi aatankwadi ghatnayein aur prakartik apdayein kya sanyog matra hai !!
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