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बहस -नोबेल कमेटी क्या गाँधी शान्ति पुरस्कार के योग्य है या नही ?

हाल मे ही नोबेल कमेटी ने शान्ति का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को वर्ष -2009 का दिए जाने की घोषणा की है। कोरियाई राष्ट्रपति किम देई जंग समेत दुनिया की कई हस्तिया जैसे -मार्गन सवागिरई ,मोहमद युनुस , हू जिया,वांगारी मथाई आदि इस दौड़ मे शामिल थे। दुनिया मे शान्ति ,परमाणु निशस्त्रीकरण, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सम्बन्ध मे किए गए प्रयासो को नोबेल कमिटी प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस पुरस्कार को देती है। महात्मा गाँधी जिनके नीतियों ,विचारो और किए गए कार्यो को दुनिया अपना आदर्श मानती है और उनके प्रयोगों को अपनाने का प्रयास करती है, के विचारो का समर्थन और प्रोत्साहन का प्रयास नोबल कमेटी क्या पूरे ईमानदारी से करती है या नही ? क्या नोबेल कमेटी गाँधी शान्ति पुरस्कार पाने के योग्य हो पाया है या नही ?-के सम्बन्ध मे विचार आमंत्रित है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. दुनिया तबाही के लिए एक से एक सामान जुटा रही है और आप अभी भी गांधी-गांधी कर रहे हैं...आपकी चलती तो गांधी को नोबेल नहीं मिल जाता...नोबेल मिलता है...ओबामा को...इधर राष्ट्रपति बनो और उधर नोबेल लो...गांधी की तरह कोई मरने के 61 साल बाद भी बस शांति की लाठी ही ठकठकाते रहो...इस लाठी में इतनी आवाज़ कहां कि बहरों के कानों में भरे तेल को चीर दे...

    जय हिंद...

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